
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई तरह की परियोजनाओं को लागू किया है। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी जी का ड्रीम प्रोजेक्ट अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट भी आता है।
जिसके तहत अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के संरक्षण और विकास को ध्यान में रखते हुए उनके आसपास हरियाली विकसित की जाएगी। जिससे अरावली क्षेत्रों का पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होगा।
इसके साथ ही भूजल के स्तर में वृद्धि होगी और पर्यावरण संरक्षित होगा। तो चलिए जानते हैं क्या है अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट?
अरावली ग्रीन वाॅल प्रोजेक्ट क्या है?
अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट का प्रमुख उद्देश्य अरावली रेंज के परिस्थितिकी तंत्र को विकसित करना है। जिसके लिए 4 राज्य हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली को चुना गया है।
इस दौरान इन राज्यों में स्थित अरावली पहाड़ी श्रृंखलाओं के करीब 5 किलोमीटर तक के क्षेत्र को पर्यावरण के अनुकूल बनाना है और वहां हरियाली विकसित करनी है।
ताकि अरावली रेंज में अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जा सके। इससे पर्यावरण को फायदा पहुंचेगा और भूजल के स्तर में भी वृद्धि होगी। इसके साथ ही वातावरण में शुद्ध हवा भी फैलेगी।
अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट के अंतर्गत क्या होगा?
- परियोजना के अंतर्गत झाड़ी भूमियों, वन भूमि, और मरुधर इत्यादि स्थानों पर पौधे लगाए जाएंगे।
- अरावली रेंज के आसपास कुआं, झील और नदियों को पुनर्जीवित करने का प्रयास।
- कृषि वन उत्पादन और चरागाह विकास पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाएगा।
- मिट्टी की गिरावट और रेगिस्तानीकरण साथ तूफानों और धूल इत्यादि को रोकने के लिए हरियाली में वृद्धि की जाएगी।
अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट की शुरुआत कब और किसने की?
अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के अवसर पर शुरू किया गया। इस दौरान 25 मार्च 2023 को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने इस परियोजना का उद्घाटन किया।