
भारत एक विशाल देश है जहाँ प्रत्येक राज्य की अलग-अलग मौसम और जलवायु होती है। इसके कारण भारतीय जलवायु को अत्यंत विस्तृत और विविध माना जाता है।
यहाँ पर शीत, ग्रीष्म, वर्षा और शरद ऋतु होती है जो अलग-अलग विभाजन के साथ उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम में विभिन्न प्रदेशों में पायी जाती हैं। इस विस्तृत मौसमी विभिन्नता के साथ भारत की जलवायु भी विस्तृत होती है जो अलग-अलग प्रदेशों में अलग-अलग होती है।
भारत के विभिन्न राज्यों के मौसम और जलवायु
मानसून जलवायु में एकरूपता एवं विविधता मानसून पवनों की व्यवस्था भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच एकता को बल प्रदान करती है। मानसून जलवायु की व्यापक एकता के इस दृष्टिकोण से किसी को भी जलवायु की प्रादेशिक भिन्नताओं की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
यही विषमता भारत के विभिन्न राज्यों के मौसम और जलवायु को एक-दूसरे से अलग करती है। उदाहरण के लिए दक्षिण में केरल और तमिलनाडु की जलवायु उत्तर में उत्तर प्रदेश और बिहार की जलवायु से अलग है।
फिर भी इन सभी राज्यों में मौसमी वर्षा के प्रकार समान होते हुए भी जलवायु की कई प्रादेशिक विशेषताएं हैं। भारत की जलवायु में वायु के द्रव्यमान के अनुसार, तापमान और वर्षा की मात्रा, ऋतुओं के प्रकार और आर्द्रता एवं शुष्कता के स्तर में विशेषता देखी जा सकती है।
इन प्रादेशिक विविधताओं का जलवायु के उपवर्गों के रूप में वर्णन किया जा सकता है।