भारत में विभिन्न प्रकार के उच्चतम स्थान, भूमि के आकार, जलवायु और वनस्पतियों के परिवेश मिलते हैं।
इन्होंने भारत में अनेक प्रकार की मिट्टियों के विकास में योगदान दिया है। आज की इस पोस्ट में हम इन्ही मिट्टियों के ऊपर बनने वाले प्रश्न उत्तर देखेंगे।
Bharat ki Mitiya – भारत की मिट्टियाँ
मृदा का निर्माण मृदा शैल, मलवा और जैव सामग्री के सम्मिश्रण से होता है जो पृथ्वी की सतह पर विकसित होते हैं। मृदा-निर्माण को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैं – उच्चावच, जनक सामग्री, जलवायु, वनस्पति और अन्य जीव रूप तथा समय।
इनके अलावा मानवीय क्रियाएं भी मृदा को प्रभावित करती हैं। मृदा के घटक खनिज कण, ह्यूमस, जल तथा वायु होते हैं और प्रत्येक घटक की मात्रा मृदा के प्रकार पर निर्भर करती है।
कुछ मृदाओं में इनमें से एक या अधिक घटक कम मात्रा में होता है जबकि अन्य मृदाओं में इन घटकों का संयोजन भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है।
भूमि और मृदा संबंधी विषय हमारी पृथ्वी के बारे में हैं। यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारी धरती ही हमारी जीवन-शैली का आधार है। भूमि का उच्चावच, जलवायु, जनक सामग्री, वनस्पति और समय भूमि की मृदा-निर्माण प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं।