
भारत एक ऐसा देश है जो अपनी विविधता और समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहाँ कई प्राकृतिक रूप से सुंदर झीलें हैं जो देश के विभिन्न हिस्सों में फैली हुई हैं। भारत की झीलें इस देश की अनोखी तस्वीर हैं जो दर्शकों को आकर्षित करती हैं।
ये झीलें अपनी खूबसूरती और जीवन्त जंगलों से घिरी हुई होती हैं और अनेक प्रकार के पक्षियों और जानवरों के लिए आश्रय स्थल होती हैं। इस ब्लॉग में हम भारत की प्रमुख झीलों के बारे में जानेंगे।
झील किसे कहते हैं? भारत की प्रमुख झीलें
पृथ्वी की सतह के गर्त वाले भागों को जहाँ जल एकत्र हो जाता है, झील (Lakes) कहते हैं। भारत में बहुत सी झीलें हैं, जो एक-दूसरे से आकार और अन्य लक्षणों में भिन्न हैं। अधिकतर झीलें स्थायी होती हैं तथा कुछ में केवल वर्षा ऋतु में ही पानी होता है, जैसे- अन्तर्देशीय अपवाह और अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों की द्रोणी वाली झीलें ।
भारत में कुछ झीलें ऐसी हैं, जिनका निर्माण हिमानियों एवं बर्फ चादर की क्रिया के फलस्वरूप हुआ है। जबकि, कुछ अन्य झीलों का निर्माण वायु, नदियों एवं मानवीय क्रियाकलापों के कारण हुआ है।
एक विसर्प नदी बाढ़ वाले क्षेत्रों में अपना मार्ग परिवर्तित कर गोखुर झील का निर्माण करती है। स्पिट और बार (रोधिका) तटीय क्षेत्रों में लैगून का निर्माण करते हैं, जैसे- चिल्का झील, पुलीकट झील एवं कोलेरू झील।
अंतर्देशीय (Inland) झीलें कभी-कभी मौसमी होती हैं। उदाहरण के लिए, राजस्थान की सांभर झील, जो एक लवणीय जल वाली झील है। इसके जल का उपयोग नमक के निर्माण के लिए किया जाता है।
मीठे पानी की झीलें
मीठे पानी की अधिकांश झीलें हिमालयी क्षेत्र में हैं। ये मुख्यतः हिमानी द्वारा निर्मित होती हैं। दूसरे शब्दों में, ये तब निर्मित हुईं जब हिमानियों ने गहरी द्रोणियां बनाई, जो बाद में हिम पिघलने या शिलाओं अथवा मिट्टी से भर गई।