
आज की इस ब्लॉग पोस्ट में हम भारत के देशांतरीय विस्तार और भारत के लोगों पर उसके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
देशांतर रेखाओं के मानों से स्पष्ट होता है कि इनमें लगभग 30 डिग्री का अंतर है जो हमारे देश के सबसे पूर्वी व सबसे पश्चिमी भागों के समय में लगभग 2 घंटों का अंतर पैदा करता है।
भारत का देशांतरीय फैलाव इसके लिए किस प्रकार लाभप्रद है?
भारत का देशांतरीय फैलाव उसके लिए काफी लाभप्रद होता है क्योंकि इससे देश के विभिन्न भागों के बीच संचार का मार्ग खुलता है। निम्नलिखित कुछ तरीकों से यह लाभप्रद होता है:
आर्थिक विकास: देशांतरीय फैलाव अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे विभिन्न राज्यों में उत्पादन की गति में वृद्धि होती है जिससे देश का आर्थिक स्तर बढ़ता है।
राजनीतिक एकता: देशांतरीय फैलाव से देश के विभिन्न राज्यों के बीच एकता का भी फायदा होता है। इससे विभिन्न राज्यों के लोग एक दूसरे से अधिक जुड़ते हैं और देश में एक साथीत्व की भावना बढ़ती है।
सुरक्षा: देशांतरीय फैलाव से देश के विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा की व्यवस्था मजबूत होती है। इससे विभिन्न सेनाओं, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के बीच संचार की सुविधा होती है जो सुरक्षा संबंधी समस्याओं का समाधान करने में मदद करती है।
सामाजिक विकास: देशांतरीय फैलाव से देश के विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक विकास की गति में भी वृद्धि होती है। इससे देश के अलग-अलग क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीच संचार की सुविधा होती है जिससे उन्हें अपनी संस्कृति, भाषा, रीति-रिवाज आदि के बारे में जानने और समझने का मौका मिलता है।
विश्व सम्बन्ध: देशांतरीय फैलाव से भारत के विभिन्न राज्यों को विश्व के अन्य देशों से जोड़ने का मौका मिलता है। इससे विभिन्न राज्यों में विदेशी सैलानियों और विदेशी निवेशकों की आवागमन की सुविधा होती है जिससे देश की अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचता है।
पर्यटन उद्योग: देशांतरीय फैलाव से देश के विभिन्न भागों में पर्यटन उद्योग को भी फायदा होता है। इससे विभिन्न राज्यों में पर्यटकों की आवागमन की सुविधा होती है जिससे पर्यटन उद्योग की विकास गति में वृद्धि होती है।
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