
हमारा समाज आरंभ से ही पुरुष प्रधान रहा है। ऐसे में समाज में आए दिन महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचारों में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ों की मानें तो देश में औसतन हर एक घंटे में एक महिला दहेज प्रथा की बलि चढ़ती है।
इस तरह से ये आंकड़ें काफी चौंकाने वाले हैं। दहेज प्रथा महिलाओं के साथ किए जाने वाले घरेलू हिंसा के अपराधों में से एक है, जिसके मामले दीमक की भांति संपूर्ण समाज को धीरे-धीरे खोखला करते जा रहे हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं दहेज प्रथा के कारण, निवारण और समाज पर प्रभाव के बारे में।
दहेज प्रथा – Dowry System in Hindi
दहेज से तात्पर्य विवाह के दौरान वर पक्ष द्वारा कन्या पक्ष से मांगी जाने वाली वस्तुओं और चीजों से है। जिसके एवज में विवाह जैसा पवित्र बंधन जोड़ा जाता है, लेकिन इसके बावजूद कई बार वर पक्ष के लोग दहेज ना मिलने या कम मिलने की वजह से कन्या को प्रताड़ित करते हैं और फिर उसके साथ घरेलू हिंसा करते हैं। जिसे ही दहेज प्रथा का नाम दिया गया है।
दहेज प्रथा के किस्से आए दिन समाज में देखने और सुनने को मिलते हैं। पहले के समय में, कन्या के माता पिता अपनी स्वेच्छा से अपनी बेटी को जरूरी और उपयोगी सामान दिया करते थे, ताकि बेटी जब अपनी नई गृहस्थी बसाए तो उसे किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो, लेकिन अब वर पक्ष के लोग कन्या के माता पिता से अधिकार स्वरूप दहेज की मांग करते हैं और अगर लड़का सरकारी या उच्च पद पर आसीन हो, तब उस बात का हवाला देकर भी दहेज मांगा जाता है।
इतना ही नहीं, आज के समय में वर पक्ष वहीं रिश्ता पक्का करते हैं, जहां से उन्हें अधिकाधिक धन की प्राप्ति हो सके। यदि किसी वजह से कन्या का विवाह ऊंचे परिवार के साथ जुड़ जाए, तब कन्या के माता पिता अपनी बेटी की खातिर अपनी हैसियत से अधिक ऋण लेकर वर पक्ष की दहेज की मांग को पूरा करते हैं।
लेकिन कई बार माता पिता की सोच से परे उनकी बेटी तब भी दहेज की बलि चढ़ जाती है। ऐसे में दहेज प्रथा सभ्य समाज में एक कोढ़ की भांति है, जिसका जल्द से जल्द समाधान खोजना आवश्यक है।
दहेज प्रथा के कारण
- लालची प्रवृत्ति
- स्त्रियों को निम्न दर्जे का आंकना
- स्त्रियों का साक्षर ना होना
- सामाजिक प्रतिष्ठा का विषय
- धर्म जाति की परंपरा
दहेज प्रथा का निवारण
- महिला शिक्षा को बढ़ावा
- महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना
- दहेज के खिलाफ जागरूकता अभियान
- मानसिकता में परिवर्तन
- कानून को मजबूत बनाना
दहेज प्रथा का समाज पर प्रभाव
भारत में दहेज के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसको रोकने के लिए कई सारे कानून लागू किए गए हैं। ताकि दहेज प्रथा पर लगाम लगाई जा सके, क्योंकि दहेज प्रथा की वजह से समाज में नारियों की स्थिति शोचनीय होती जा रही है।
इतना ही नहीं, दहेज की वजह से नववधुओं का जीवन बसने से पहले ही समाप्त हो जा रहा है, जोकि समाज को गर्त में ले जा रहा है। दहेज प्रथा के कारण समाज में महिलाओं के प्रति हिंसा और अपराध बढ़ता जा रहा है, ऐसे में जल्द से जल्द दहेज से जुड़े मामलों पर लगाम लगाना जरूरी है।