
भारत में वन्यजीवों के संरक्षण हेतु सरकार द्वारा कई सारी योजनाओं और कानूनों को लागू किया गया है। इसी तरह से साल 2023 में मानव और हाथी के संघर्ष को रोकने व हाथियों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए गज उत्सव का आयोजन किया जाएगा।
जिसकी शुरुआत भारत सरकार प्रोजेक्ट एलीफेंट की 30वीं वर्षगांठ के दौरान होगी। ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको गज उत्सव 2023 से जुड़ी तमाम जानकारियों के बारे में बताएंगे।
गज उत्सव (Gaj Utsav) क्या है?
भारत में हाथियों के संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु व उनके आवास और गलियारों की रक्षा के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए गज उत्सव की शुरुआत की गई। इसके साथ ही प्रकृति और संस्कृति के रिश्तों को जोड़ने का प्रयास करते हुए भी गज उत्सव की शुरुआत की गई है।
इस उत्सव के माध्यम से हाथियों के साथ मिलकर जैविक संसाधनों के संरक्षण की ओर भारत के प्रयासों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि पर्यावरण और जैविक संरक्षण को पूर्ण करने के लिए जन भागीदारी में वृद्धि हो।
यह गज उत्सव 2 दिन तक यानि 7 अप्रैल से लेकर 8 अप्रैल तक चलेगा। जिसका आयोजन असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में किया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि असम में जंगली हाथियों की संख्या अधिक है, जिस कारण इस उत्सव के लिए असम को चुना गया है।
इस दौरान पर्यटकों के लिए काजीरंगा की सभी रेंज जैसे कोहोरा, बागोरी, बुरापहाड़ और अगोराटोली को 2 दिन के लिए बंद कर दिया जाएगा।
गज उत्सव का आयोजन कौन करेगा?
गज उत्सव का आयोजन पर्यावरण और वन विभाग, असम सरकार और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के द्वारा आयोजित किया जाएगा।
गज उत्सव के आयोजन को सफल बनाने में केंद्रीय और राज्य स्तर के मंत्री, नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरणविद्, जैविक संरक्षण की दिशा में प्रयासरत लोग समेत आम जन और स्कूली बच्चों का सहयोग परिलक्षित होगा।
गज उत्सव के प्रमुख आकर्षण
- छात्रों और बच्चों के लिए वॉकथॉन
- वन्यजीव जागरूकता रैलियां
- प्रकृति शिविर
- पेंटिंग और वाद-विवाद प्रतियोगिता
- देश के हाथी अभ्यारण्यों और जूलॉजिकल पार्कों में स्कूली बच्चों की निर्देशित यात्राएं
हाथियों के संरक्षण में भारत में क्या है कानून?
भारत सरकार द्वारा हाथी वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 1 के तहत विरासत पशु के तौर पर स्थापित है। इसी अधिनियम के तहत भारत में हाथियों की सुरक्षा हेतु हाथी परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
संपूर्ण विश्व में केवल भारत ही एक ऐसा देश है जहां 60% की आबादी तक जंगली हाथी पाए जाते हैं। जिनकी संख्या करीब 30 हजार से लेकर 40 हजार तक अनुमानित है, जोकि देश में उत्तर पूर्वी भारत, दक्षिण और पूर्व मध्य भारत में अधिकांश तौर पर मौजूद हैं।
इसके अलावा भारत सरकार द्वारा हाथियों के संरक्षण में सन 1992 में प्रोजेक्ट एलीफेंट की शुरुआत की गई थी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रोजेक्ट एलीफेंट की शुरुआत सन 1992 की गई थी।
इस उत्सव का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा किया जाएगा।
गज उत्सव का आयोजन पर्यावरण और वन विभाग, असम सरकार और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के द्वारा किया जा रहा है।
निष्कर्ष
उपरोक्त प्रोजेक्ट का उद्देश्य मानव और हाथियों के बीच संघर्ष को रोकना और हाथियों के प्रति संरक्षण के बारे में सामान्य लोगों को जागरूक करना है। इसी प्रोजेक्ट की 30वीं वर्षगांठ पर गज उत्सव मनाया जाएगा।