
पश्चिमी घाट को वहां की स्थानीय भाषा में अनेक नाम दिए गए हैं, जैसे- महाराष्ट्र में सहयाद्रि, कर्नाटक और तमिलनाडु में नीलगिरि और केरल में अनामलाई और इलायची (कार्डामम) पहाड़ियाँ।
पूर्वी घाट की तुलना में पश्चिमी घाट ऊँचे और अविरत हैं। इनकी औसत ऊँचाई लगभग 1500 मीटर है, जो कि उत्तर से दक्षिण की तरफ बढ़ती चली जाती है।
प्रश्न: दक्कन का पठार कहाँ स्थित है?
उत्तर: दक्कन के पठार के पश्चिम में पश्चिमी घाट, पूर्व में पूर्वी घाट और उत्तर में सतपुड़ा, मैकाल और महादेव पहाड़ियाँ हैं।
प्रश्न: प्रायद्वीपीय पठार की सबसे ऊँची चोटी कौन सी है?
उत्तर: प्रायद्वीपीय पठार की सबसे ऊँची चोटी अनाईमुडी (2695 मीटर) है, जो पश्चिमी घाट की अनामलाई पहाड़ियों में स्थित है।
प्रश्न: प्रायद्वीपीय पठार की दूसरी सबसे ऊँची चोटी कौन सी है?
उत्तर: दूसरी सबसे ऊँची चोटी डोडाबेटा है और यह नीलगिरी पहाड़ियों में है। ज़्यादातर प्रायद्वीपीय नदियों की उत्पत्ति पश्चिमी घाट से है। पूर्वी घाट अविरत नहीं है और महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी नदियों द्वारा अपरदित हैं।
यहाँ की कुछ मुख्य श्रेणियाँ जावादी पहाड़ियाँ, पालकोण्डा श्रेणी, नल्लामाला पहाड़ियाँ और महेंद्रगिरि पहाड़ियाँ हैं।
प्रश्न: पूर्वी और पश्चिमी किस स्थान पर आपस में मिलते है?
उत्तर: पूर्वी और पश्चिमी घाट नीलगिरी पहाड़ियों में आपस में मिलते हैं।