महाजनपद काल – MCQ GK Questions and Answers Quiz in Hindi

महाजनपद काल

भारत का इतिहास बहुत ही विशाल और समृद्ध है। इसमें कई ऐसे काल हैं, जो भारत के संस्कृति और इतिहास को विविधता और संपन्नता के साथ भर देते हैं। उनमें से एक महाजनपद काल है। महाजनपद काल भारत के इतिहास का ऐसा काल है, जिसमें भारत का नाम विश्व के सामने लोकप्रिय हुआ था।

इस समय के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हम एक महाजनपद काल MCQ जीके प्रश्नों और उत्तरों के क्विज़ के माध्यम से अपनी जानकारी को जांच सकते हैं। यह क्विज़ आपको महाजनपद काल से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी देगा और आपको इस काल के बारे में अधिक से अधिक जानने में मदद करेगा।

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Indian History

Indian History Quiz - 10

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1. अजन्ता चित्रकला का सम्बन्ध है-

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2. 'उपवास द्वारा शरीर का अंत (काया क्लेश) के लिए जैन साहित्य में नाम मिलता है-

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3. चम्पा नगर किस महाजनपद की राजधानी थी?

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4. बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तर निकाय' में कितने महाजनपदों का उल्लेख मिलता है?

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5. जैन धर्म के अनुसार त्रिरत्न हैं-

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6. बौद्ध साहित्य में मिलिन्दपन्हो ऐसी प्रश्नोत्तरी के रूप में मिलती है जिसके दो प्रमुख चरित्र हैं, नागसेन, तथा-

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7. निम्नलिखित में किसमें बौद्ध संघ-जीवन के आचरण के नियमों का संग्रह है?

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8. निम्नलिखित में से कौन बुद्ध का समसामयिक नहीं था?

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9. बौद्ध साहित्य में कितने पिटक हैं?

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10. बौद्ध धर्म की निम्नलिखित में से कौनसी विशेषता इसे जैन धर्म से भिन्न करती है?

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मगध साम्राज्य के प्रमुख शासक – मगध साम्राज्य के राजवंश

बिम्बिसार (544 – 492 ई. पू.)

  • हर्यक वंश के संस्थापक जो बुद्ध एवं महावीर दोनों के समकालीन थे।
  • इनकी राजधानी राजगृह थी, जिसका वास्तुकार महागोविन्द था।
  • ‘जीवक’ इस काल का प्रसिद्ध वैद्य तथा ‘महागोविन्द’ प्रसिद्ध वास्तुकार था।
  • बिम्बिसार को उनके पुत्र अजातशत्रु ने कैद कर लिया और 492 ई. पू. में उसकी मृत्यु हो गई।

अजातशत्रु (492 – 460 ई. पू.)

  • बचपन का नाम कुणीक वह जैन व बौद्ध दोनों धर्मों का अनुयायी था।
  • अजातशत्रतु के जीवनकाल की सबसे महत्त्वपूर्ण घटना वज्जिसंघ पर उसकी विजय थी।
  • अजातशत्रु ने राजगृह में प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन किया तथा बुद्ध के अवशेषों पर स्तूप का निर्माण करवाया।
  • अजातशत्रु को ‘पितृहन्ता’ कहा गया है।
  • अजातशत्रु की उसके पुत्र उदायिन द्वारा हत्या कर दी गई थी।

उदायिन (460-444 ई. पू.)

  • पाटलीपुत्र (गंगा और सोन नदी के संगम पर स्थित) राजधानी बनाई गई।
  • जैन धर्म का अनुयायी।
  • शिशुनाग (412 – 394 ई. पू.)

शिशुनाग वंश का संस्थापक ।

  • हर्यक वंश के अन्तिम शासक नागदशक के शासनकाल में शिशुनाग एक आमात्य था एवं बनारस का गवर्नर था।
  • मगध की राजधानी पुनः गिरिव्रज (राजगृह) बनाई गई।
  • शिशुनाग ने वैशाली को मगध की दूसरी राजधानी बनाया।

कालाशोक (394-366 ई. पू.)

  • वैशाली के स्थान पर पाटलिपुत्र को राजधानी बनाया गया।
  • द्वितीय बौद्ध संगीति का आयोजन करवाया।

महापद्मनन्द (उग्रसेन)

  • शिशुनाग वंश का अन्त करने वाला एवं नन्द वंश का संस्थापक।
  • पुराणों में उसे ‘सर्वक्षत्रान्तक’ अर्थात् सब क्षत्रियों का नाश करने वाला तथा बौद्ध ग्रन्थों में उसे उग्रसेन अर्थात् ‘भयानक सेना का स्वामी’ कहा गया है।

घननन्द

  • अन्तिम एवं सर्वाधिक प्रसिद्ध नन्द शासक जो सिकन्दर महान् का समकालीन था।
  • इसी के शासनकाल में सिकन्दर ने भारत पर आक्रमण किया था।

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