आज, 8 सितंबर को हर साल विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य शिक्षा के महत्व को जागरूक करना है। इस मौके पर हमें यह जानकारी मिलती है कि भारत में साक्षरता की स्थिति क्या है और कौन सा राज्य साक्षरता में अग्रणी है।

भारत में साक्षरता दर में हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी देखने को मिली है, खासकर महिलाओं की साक्षरता दर में। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आज़ादी के समय केवल 1 महिला 11 में से साक्षर थीं। इसके खिलाफ, अब महिलाओं की साक्षरता दर बढ़कर 77% हो गई है, जबकि पुरुषों की साक्षरता दर 84.7% है। इससे साफ होता है कि महिलाओं की शिक्षा के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है और वे अधिक पढ़ा-लिखा हो रही हैं।
साक्षरता का स्तर राज्यों के बीच
भारत के राज्यों के बीच साक्षरता का स्तर भिन्न-भिन्न है, और केरल इसमें सबसे आगे है। केरल ने साक्षरता में अग्रणी होने का दर्जा प्राप्त किया है, जहां की साक्षरता दर 92.2% है। केरल शिक्षा के क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों के सामने हमेशा से आगे रहा है। उसके बाद आता है लक्षद्वीप, जिसकी साक्षरता दर 91.85% है, और यहाँ भी शिक्षा का स्तर बेहद उच्च है।
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मिजोरम भी साक्षरता में आगे रहा है और इसकी साक्षरता दर 91.33% है। दूसरी ओर, बिहार की साक्षरता दर 61.8% है, जिसका स्तर अधिकांश अन्य राज्यों से कम है। अरुणाचल प्रदेश में साक्षरता दर 65.3% है, और राजस्थान में 66.1% है।
शिक्षा का महत्व
साक्षरता एक महत्वपूर्ण सामाजिक प्राप्ति है, जो व्यक्ति को समाज में उच्च स्थान प्राप्त करने में मदद करती है। शिक्षित लोग समाज के विकास में भाग लेने के लिए अधिक सक्षम होते हैं और उन्हें अधिक अवसर मिलते हैं। इसलिए, हमें सभी को शिक्षा के महत्व को समझने और इसे बढ़ावा देने के प्रयासों में भाग लेने की आवश्यकता है।
इस विश्व साक्षरता दिवस पर, हमें शिक्षा के महत्व को और भी जागरूक करने और समाज को साक्षरता की दिशा में अग्रसर करने का संकल्प लेना चाहिए। साक्षरता दिवस के इस मौके पर, हम सभी को शिक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने और शिक्षा को प्राथमिकता देने का संकल्प लेना चाहिए।