वर्तमान समय में औद्योगीकरण (industrialization) और जंगलों की लगातार कटाई के कारण पर्यावरण और वन्यजीवों के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है, जंगलों में रहने वाली वनस्पति और प्रजातियां विलुप्त होती जा रही हैं।
ऐसे में पर्यावरण वनस्पतियों और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए biosphere reserves, National Park, National Wildlife Sanctuary का निर्माण किया जाता है। जिससे कि प्रकृति कि कुछ जगहों को प्रोटेक्ट और रिजर्व कर दिया जाए।
आज हम यहां जानेंगे कि biosphere reserves क्या है, biosphere reserves के कितने जोन है, biosphere reserves के क्या फायदे हैं और भारत में मुख्य रूप से कितने बायोस्फीयर रिजर्व है, (total number of biosphere reserves in India) इसलिए आप इस लेख को अच्छे से पढ़े।

Biosphere reserves क्या है?
Biosphere reserves एक बहुत बड़े समुद्री स्थलीय और तटीय क्षेत्रों के पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित किया जाता है जिसे हम बायोस्फीयर रिजर्व कहते हैं। बायोस्फीयर रिजर्व में रहने वाले वन्य जीव और वनस्पतियों के साथ ही वहां के स्थानीय लोगो और उनकी संस्कृति को भी संरक्षित किया जाता है। बायोस्फीयर रिजर्व एक बहुत बड़ा क्षेत्र होता है और इसके पूरे क्षेत्र में प्रतिबंध नहीं लगा सकते इसलिए इसे तीन भागो में बांटा गया है।
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UNESCO के मैन एंड बायोस्फीयर कार्यक्रम (MAB) के द्वारा वर्ष 1971 में बायोस्फीयर रिजर्व की शुरुआत की गई थी। दुनिया का सबसे पहला बायोस्फीयर रिजर्व वर्ष 1979 में घोषित किया गया और भारत का सबसे पहला बायोस्फीयर रिजर्व 1986 में नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व को घोषित किया गया। बायोस्फीयर रिजर्व का उद्देश्य मानव और वन्य जीव के बीच संतुलन को बनाए रखना है।
Biosphere reserves के कितने जोन हैं?
बायोस्फीयर रिजर्व को तीन जोन में बांटा गया है।
- कोर जोन (Core Zone):- बायोस्फीयर रिजर्व के सबसे अंदर में आने वाले हिस्से को कोर जोन कहा जाता है, यह सबसे ज्यादा प्रोटेक्टेड एरिया होता है यहां किसी भी प्रकार की गतिविधियां नहीं की जाती है और साथ ही यहां पर मानव गतिविधि पर रोक लगाया गया है।
- बफर जोन (Buffer Zone):- बफर जोन आपका बायोस्फीयर रिजर्व के कोर जोन और बाहरी जोन के बीच का हिस्सा होता है, इस क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान निगरानी प्रशिक्षण गतिविधियां और मानव गतिविधियां की अनुमति होती हैं, लेकिन वे सभी गतिविधियां सीमित मात्रा में ही होती है जिससे कि कोर जोन में दिक्कत ना आए।
- संक्रमण जोन (Transition Zone):- यह बायोस्फीयर रिजर्व का सबसे बाहरी हिस्सा होता है जहां पर सबसे ज्यादा मानव गतिविधियां होती है। इसके साथ ही यही पर मानव बस्तियां रहती भी है।
Biosphere reserves के फायदे
- बायोस्फीयर रिजर्व्स से मानव और जीव जंतु के बीच संतुलन बना रहता है।
- बायोस्फीयर रिजर्व्स होने के कारण विलुप्त हो रही वनस्पतियों और वन्यजीवों को बचाया जा रहा है।
भारत में बायोस्फीयर रिजर्व्स की सूची | List Of Biosphere Reserves In India
वर्तमान समय में भारत में कुल 18 बायोस्फीयर रिजर्व है, जिनमें से 12 UNESCO की MAB (Men And Biosphere) सूची में आते हैं।
Biosphere reserves | Est. Year | State |
---|---|---|
नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व | 1986 | तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक |
मन्नार की खाड़ी | 1989 | तमिल नाडु |
ग्रेट निकोबार | 1989 | ग्रेट अंडमान निकोबार |
अगस्तमलाई | 2001 | तमिल नाडु, केरल |
श्रीशैलम | 2010 | आंध्र प्रदेश |
सुंदरबन | 1989 | पश्चिम बंगाल |
सिमलीपाल | 1994 | उड़ीसा |
अचानकमार अमरकंटक | 2005 | मध्य प्रदेश |
पचमढ़ी | 1999 | मध्य प्रदेश |
पन्ना | 2011 | मध्य प्रदेश |
कच्छ का रण | 2008 | गुजरात |
कोल्ड डिजर्ट | 2009 | हिमाचल प्रदेश |
नंदा देवी | 1981 | उत्तराखंड |
दिहंग दिबांग | 1998 | अरुणाचल प्रदेश |
नोकरेक | 2009 | मेघालय |
डिब्रू सैखोवा | 1997 | असम |
मानस | 1985 | असम |
कंचनजंगा | 1977 | सिक्किम |
निष्कर्ष:- आज के इस लेख में हमने आपको यहां पर biosphere reserves क्या है, biosphere reserves के कितने जोन है, और भारत में मुख्य रूप से कितने बायोस्फीयर रिजर्व है की सूची [List Of Biosphere Reserves In India] प्रदान की उम्मीद करते हैं आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा।