पर्यावरण पर निबंध – Paryavaran Par Nibandh In Hindi

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हमारे आसपास मौजूद समस्त प्राकृतिक चीजें मिलकर पर्यावरण का निर्माण करती हैं। जैसे:- पेड़, पौधे, मृदा, वायु, प्रकाश, पानी, जीव-जंतु, वनस्पति इत्यादि।

उपरोक्त सभी चीजें मानव जीवन को संभव बनाती हैं, लेकिन बीते काफी समय से मानव ने पर्यावरण में मौजूद चीजों का दुरुप्रयोग करना आरंभ कर दिया है और जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है। जिस वजह से पर्यावरण की सुरक्षा आज एक चुनौतीपूर्ण मुद्दा बन गया है।

ऐसे में पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमें सबसे पहले इसके बारे में संपूर्ण जानकारी अवश्य प्राप्त करनी होगी। तो चलिए जानते हैं:-

पर्यावरण का अर्थ, परिभाषा एवं घटक

पर्यावरण शब्द की उत्पति दो शब्दों के मेल से हुई है परि+आवरण, यानि जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है, वह साधारण शब्दों में पर्यावरण कहलाता है। पर्यावरण कई सारे तत्वों और घटकों से मिलकर बना है, जिसकी वजह से ही वातावरण का निर्माण होता है।

अगर पर्यावरण के उपरोक्त किसी भी तत्व या घटक में कोई कमी आ जाए, तो उससे संपूर्ण वातावरण प्रभावित होता है। अन्य शब्दों में, पर्यावरण हमारे आसपास मौजूद प्राकृतिक चीज़ों का समावेश है, जिसकी वजह से ही धरती पर मानव जीवन का अस्तित्व संभव हो पाया है।

पर्यावरण के अंतर्गत परिवेश में व्याप्त सभी जीवित और अजीवित वस्तुएं आती हैं, जोकि मनुष्य के जीवन को सुचारु बनाती हैं। इस प्रकार, कह सकते हैं कि बिना पर्यावरण के मानव जीवन में भोजन, ऊर्जा, पानी, वायु, प्रकाश, मिट्टी इत्यादि चीजों की पूर्ति नहीं की जा सकती, इसलिए मानव की उन्नति पर्यावरण पर ही आधारित है।

पर्यावरण के प्रमुख अंग कौन-कौन से है?

पर्यावरण के मुख्य 4 अंग हैं, जोकि निम्न हैं:-

वायुमंडल

इसे धरती का सुरक्षा कवच भी कहा जाता है, जो पर्यावरण का सबसे प्रमुख भाग कहलाता है।

जलमंडल

हमारी पृथ्वी के दो तिहाई हिस्से में जल मौजूद है, जिसे भी पर्यावरण का मुख्य भाग कहा गया है।

स्थलमंडल 

पृथ्वी की ऊपरी सतह जोकि काफी ठोस और मजबूत होती है, वह भी पर्यावरण का अंग कहलाती हैं।

जीवमंडल

हमारी धरती जहां मानव जीवनयापन कर रहा है, उसे भी पर्यावरण का महत्वपूर्ण अंग माना जाता है।

पर्यावरण का महत्व – paryavaran ka mahatva

  • पर्यावरण मानव जीवन की आधारभूत जरूरतों को पूरा करता है।
  • व्यक्ति जब सांस लेता है, भोजन करता है, पानी पीता है या फिर आवास निर्मित करता है, उपरोक्त सभी कारक की पूर्ति पर्यावरण पर निर्भर करती है।
  • ऐसे में पर्यावरण मानव जीवन को सफल और आगे बढ़ाने में सहायक है।
  • इसके अभाव में मानव जीवन की कल्पना करना भी व्यर्थ है।

हालांकि ये सर्विविदित है कि पर्यावरण की देखरेख करना हमारा परम कर्तव्य है, क्योंकि यदि इसके प्रति हम लापरवाही दिखाएंगे, तो हमारे साथ-साथ आने वाली पीढ़ी को भी अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पर्यावरण क्या है 100 शब्दों में समझाइए?

पर्यावरण वह सभी जीवों, पौधों, जल, वायु और मानव द्वारा घिरे वातावरण का संपूर्ण नाम है। यह हमारे जैविक और अजैविक तत्वों का समूह होता है जो हमें जीवन प्रदान करता है।

पर्यावरण के कितने भाग है?

प्रमुख रूप से पर्यावरण के 4 भाग है।

सबसे बड़ा पर्यावरण खतरा क्या है?

पर्यावरण के लिए कई तरह के खतरे हैं, लेकिन उनमें से सबसे बड़ा खतरा है अधिक उद्योगीकरण और जनसंख्या वृद्धि का असंतुलन।

निष्कर्ष

इस प्रकार, एक उदाहरण के तौर पर समझें तो जैसे अगर हमें कोई चीज 10 दिन तक इस्तेमाल करने के लिए दी गई है, लेकिन हम 5 दिन में ही उसका आवश्यकता से अधिक प्रयोग कर लेंगे, तो बाकी शेष दिन क्या करेंगे?

उसी तरह से हमें पर्यावरण में मौजूद चीजों का प्रयोग भी उपयोगिता अनुसार ही करना होगा, अन्यथा हम प्राकृतिक संसाधनों से सदा के लिए हाथ धो बैठेंगे।

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