Svante Paabo Nobel Prize | चिकित्सा के फील्ड में मानव के क्रमिक विकास की इन्वेंशन

आज के इस पोस्ट में हम आपको Sweden Scientist Svante Paabo Nobel Prize के बारे में विस्तार से जानकारी जा रहे हैं, यहां हम आपको बताएंगे उन्हें किस खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।

Svante Paabo Nobel Prize | चिकित्सा के फील्ड में मानव के क्रमिक विकास की इन्वेंशन
Svante Paabo Nobel Prize | चिकित्सा के फील्ड में मानव के क्रमिक विकास की इन्वेंशन

Sweden Scientist Svante Paabo Nobel Prize

स्वीडन के मशहूर वैज्ञानिक स्वांते पाबो (Svante Paabo) को चिकित्सा के फील्ड में मानव के क्रमिक विकास की इन्वेंशन के लिए नोबेल प्राइस से सम्मानित किया जा रहा है।

Nobel Prize 2022

वर्ष 2022 का नोबेल प्राइज चिकित्सा के क्षेत्र के स्वीडन के मशहूर वैज्ञानिक स्वांते पाबो (Svante Paabo) को मानव के क्रमिक विकास की खोज के लिए प्रदान किया जा रहा है। स्वीडन के कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में 3 अक्टूबर 2022 यानी कि सोमवार को नोबेल कमेटी के सचिव थॉमस पर्लमैन के द्वारा नोबेल प्राइज विजेता की घोषणा की गई है।

अक्टूबर महीने की शुरुआत और चिकित्सा क्षेत्र नोबेल प्राइज विजेता की घोषणा के साथ ही इस वर्ष के नोबेल पुरस्कारों को देने की शुरुआत हो गई है। वर्ष 2022 के शांति नोबेल पुरस्कार का ऐलान 5 अक्टूबर को और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा 10 अक्टूबर को की जाएगी।

प्रतिवर्ष अक्टूबर का महीना शुरू होते ही नोबेल पुरस्कार की सरगर्मियां काफी तेजी से शुरू होती है,  विश्व के सबसे प्रतिष्ठित लेखकों, वैज्ञानिकों, मानवाधिकार पैरोकारों और अर्थशास्त्रियों इस लिस्ट में नए नाम जोड़े जाते हैं।

नोबेल प्राइज के साथ विजेताओं को और क्या देते हैं

प्रत्येक वर्ष में 10 दिसंबर को नोबेल प्राइज जीतने वाले विजेताओं को सम्मानित किया जाता है, इस दिन हर क्षेत्र के नोबेल के विजेताओं को एक स्वर्ण पदक, एक प्रमाण पत्र और $900000 की धनराशि पुरस्कार में दी जाती है, वर्ष 1896 में 10 दिसंबर को ही एल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु हुई थी।

नोबेल प्राइज के लिए चयन कौन करता है और इसके लिए क्या जरूरी है

हर साल विश्व भर में हजारों की संख्या में लोग नोबेल प्राइज के लिए नामांकन जमा करने के पात्र होते हैं, इसमें सभी विश्वविद्यालयों के बड़े-बड़े प्रोफेसर, पूर्व नोबेल पुरस्कार विजेता, कानूनविद समिति के सदस्य हिस्सा लेते हैं। हालांकि 50 वर्षों तक के लिए नामांकन को छुपा कर रखा जाता है लेकिन बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो नामांकन जमा करने के बाद सार्वजनिक रूप से अपना नाम सिफारिश करके डिस्क्लोज करवाते हैं।

नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले नागरिकों के अंदर धैर्य का होना अत्यंत ही जरूरी है, खास तौर से वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार समिति के द्वारा अपने काम को मान्यता दिलाने के लिए 50 दशक तक का इंतजार करना पड़ता है, जो कि यह सुनिश्चित करें कि उनके द्वारा की गई खोज सफल हुई है।

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