
प्रश्न: ‘तीन लोक से मथुरा न्यारी’ का अर्थ:
(a) तीनों लोकों में मथुरा न होना।
(b) सबसे निराला।
(c) मथुरा का बखान तीनों लोकों में हैं।
(d) बहुत सुन्दर मथुरा का होना।
उत्तर : (b) ‘तीन लोक से मथुरा न्यारी’ का अर्थ ‘सबसे निराला’ होता है।
तीन लोक से मथुरा न्यारी लोकोक्ति की व्याख्या
“तीन लोक से मथुरा न्यारी” एक हिंदी लोकोक्ति है जिसका अर्थ है कि मथुरा जैसी स्थान की खूबसूरति या महत्व व्यापक रूप से सभी तीन लोकों (स्वर्ग, पृथ्वी, पाताल) में प्रसिद्ध है।
यह लोकोक्ति धार्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है, क्योंकि मथुरा भगवान श्री कृष्ण के जन्मस्थान के रूप में जानी जाती है और इसे स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल में लोकप्रियता प्राप्त है।
इस लोकोक्ति का उपयोग भी किसी वस्तु या व्यक्ति की उत्कृष्टता या प्रसिद्धि को दर्शाने के लिए किया जाता है, जैसे कि किसी व्यक्ति को उत्कृष्ट या प्रभावशाली माना जाता है जिसकी खूबसूरती या अद्भुत गुणवत्ता सभी तीन लोकों में प्रसिद्ध है।
तीन लोक से मथुरा न्यारी लोकोक्ति की कहानी
एक बार बहुत पुरानी बात है, एक राजा था जो बहुत धनवान था। उसे अपने देश का सबसे सुंदर और महत्वपूर्ण स्थान ढूंढना था। उसने अपने सभी मंत्रियों से पूछा कि कौन सा स्थान उनके देश में सबसे महत्वपूर्ण और सुंदर है।
सभी मंत्रियों में एक मंत्री था जो बहुत ही बुद्धिमान था। वह बताया कि “तीन लोक से मथुरा न्यारी” है, जिससे राजा बहुत ही आश्चर्यचकित हुआ। उसे यह समझ में नहीं आया कि कैसे एक स्थान सभी तीन लोकों में प्रसिद्ध हो सकता है। इसलिए, उसने उस मंत्री से कहा कि उसे इस बात का सबूत दिखाना होगा कि मथुरा सभी तीन लोकों में न्यारी है।
अगले दिन, राजा ने अपने सभी विश्वविद्यालयों में से अपने विद्यार्थियों को बुलाया। राजा ने उन्हें उस स्थान का पता लगाने के लिए निर्देश दिए जो सभी तीन लोकों में प्रसिद्ध होता है।
विद्यार्थी लोग बहुत सोच विचार करने के बाद उस स्थान के बारे में बताने के लिए मथुरा के श्री कृष्ण जी के जन्मस्थल को चुना गया, क्योंकि यह देश के सभी तीन लोकों में प्रसिद्ध है। यहां पर ब्रह्मांड के सारे सिद्ध लोक और देव लोकों के अधिपति देवकीनंदन श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। राजा ने इससे बहुत खुशी हुई और उस मंत्री को बहुत सम्मान दिया।
इस कहानी से यह समझा जाता है कि मथुरा देश के सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध स्थानों में से एक है और यह स्थान सभी तीन लोकों में प्रसिद्ध होने के कारण “तीनो लोक से मथुरा न्यारी” कहलाता है। इसके अलावा, इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सही जवाब देने के लिए हमें अपने विचारों और ज्ञान का सही उपयोग करना चाहिए।