
इन दिनों यूपीआई (UPI) पेमेंट को लेकर एक खबर काफी चर्चा में है कि यदि आप अब 2,000 से अधिक का ऑनलाइन लेन-देन किसी भी माध्यम से करते हैं, तो आपको उस पर अतिरिक्त चार्ज देना पड़ेगा।
ऐसे में जब से यह खबर लोगों तक पहुंची है तब से हर कोई इस बात को लेकर दुविधा में है, क्योंकि कई लोगों का कहना है कि ये चार्ज केवल मर्चेंट द्वारा दिया जाएगा।
ऐसे में इस खबर के पीछे क्या सच्चाई है, इसके बारे में आज हम जानेंगे।
UPI लेनदेन करने पर कितना है चार्ज?
पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, ऑनलाइन किसी भी माध्यम से UPI करने पर ग्राहकों को कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
केवल पीपीआई वॉलेट (Prepaid Payment Instruments) पर 2000 से अधिक रुपयों का लेनदेन करने पर शुल्क लगाया जाएगा, जोकि ग्राहक को नहीं बल्कि मर्चेंट को देना होगा।
जिसके तहत मर्चेंट को 2000 से अधिक की रकम का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने पर 1.1 फ़ीसदी की दर से चार्ज देना पड़ेगा। ऐसे में ग्राहकों के लिए अब भी यूपीआई ट्रांजैक्शन बिल्कुल मुफ्त है।
UPI ट्रांजैक्शन पर चार्ज किस पर होगा लागू?
उपरोक्त नियम, केवल पीपीआई (PPI) द्वारा 2000 रुपए से अधिक का लेनदेन मर्चेंट द्वारा किए जाने पर इंटरचेंज फीस देनी पड़ सकती है। इस दौरान मर्चेंट को अपनी कुल राशि का 1.1 फ़ीसदी फीस के तौर पर चुकाना पड़ेगा।
हालांकि जो मर्चेंट 2000 रुपए से कम का भुगतान करेंगे उन पर इस नियम का कोई असर नहीं पड़ेगा। इस तरह से देखा जाए तो उपरोक्त नियम बैंक और मर्चेंट के बीच का मसला है, जिसके चलते जब दो हजार से अधिक रुपए दुकानदार के खाते में पहुंचेंगे, तो उसे उसी क्रमानुसार 1.1 फ़ीसदी का चार्ज देना होगा।
इस प्रकार इस चार्ज का असर मर्चेंट के ट्रांजैक्शन पर पड़ेगा, जबकि पीयर टू पीयर मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर किसी को कोई शुल्क नहीं देना है।