विशेषण की परिभाषा और भेद उदाहरण सहित: Visheshan Ki Paribhasha aur Uske Bhed
हिंदी व्याकरण के विषय में विशेषण टॉपिक का अपना अलग महत्व है, इस विषय से कंपटीशन परीक्षा और अन्य परीक्षाओं में परीक्षा में कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं।

हम सभी ने अपने स्कूल की कक्षाओं में विशेषण की परिभाषा भेद और उदाहरण के बारे में जरूर पढ़ा होगा लेकिन यह विषय आज भी हमारे लिए उतना ही महत्वपूर्ण है।
इसलिए यहां पर हम आपको विशेषण की परिभाषा भेद और उदाहरण के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं।
विशेषण की परिभाषा
वे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं वे विशेषण कहलाते हैं, ऐसे शब्द वाक्य में संज्ञा के साथ जोड़कर संज्ञा की विशेषता बताते हैं।
विशेषण का उदाहरण
- मोहन बहुत मेहनती लड़का है।
ऊपर बताए गए उदाहरण में आप देख सकते हैं मोहन एक लड़के का नाम है, मोहन नाम एक संज्ञा और मेहनती शब्द विशेषण है जो की संज्ञा शब्द की विशेषता बता रहा है।
विशेषण के भेद
विशेषण के मुख्यतः आठ भेद होते हैं:
- गुणवाचक विशेषण:- जिस शब्द में हमें संज्ञा या सर्वनाम के रंग रूप का बोध हो वे गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
- व्यक्तिवाचक विशेषण:- ऐसे शब्द जो व्यक्तिवाचक संज्ञा से बने होते हैं और विशेषण शब्दों का निर्माण करते हैं उन्हें हम व्यक्तिवाचक विशेषण कहते हैं।
- सार्वनामिक विशेषण:- जब संज्ञा शब्द से पहले सर्वनाम शब्द आए और विशेषण के रूप में उसकी विशेषता बताएं तो उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
- संबंधवाचक विशेषण:- जब विशेषण शब्द के इस्तेमाल से किसी व्यक्ति या वस्तु को दूसरे व्यक्ति वस्तु से जोड़ा जाता है तो वह संबंध वाचक विशेषण कहलाता है।
- परिमाणवाचक विशेषण:- ऐसे शब्द जो संज्ञा और सर्वनाम के मात्रा के बारे में बताएं तो उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
- संख्यावाचक विशेषण:- जो शब्द संज्ञा और सर्वनाम के संख्या के बारे में बौद्ध कारण तो उन्हें संख्या वाचक विशेषण कहते हैं।
- प्रश्नवाचक विशेषण:- जिस शब्द का इस्तेमाल संज्ञा और सर्वनाम को जानने के लिए किया जाता है उन्हें प्रश्नवाचक विशेषण कहते हैं।
- तुलनाबोधक विशेषण:- ऐसे शब्द जहां दो वस्तुओं की परस्पर तुलना की जाए वे तुलनाबोधक विशेषण कहलाते हैं।